हरियाणा/गुरुग्राम : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) देश में चल रहे नकली मुद्रा रैकेट पर कार्रवाई करते हुए एक बड़ी सफलता में बुधवार को दो व्यक्तियों को गुरुग्राम एफआईसीएन मामले में कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई गई।
एजेंसी द्वारा प्रस्तुत सबूतों की जांच करने के बाद, एनआईए
विशेष अदालत पंचकुला ने कासिम को 5 साल और 15 दिन की सश्रम कारावास और 20,000 रुपये
के जुर्माने की सजा सुनाई है। दूसरे आरोपी नजमुद्दीन उर्फ नजमू को 4 साल 10 दिन की
सश्रम कारावास और 20,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
इसके साथ, इस साल एनआईए के नकली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन)
मामलों में दोषी ठहराए गए व्यक्तियों की कुल संख्या छह हो गई है।
कासिम की गिरफ्तारी के बाद दर्ज केस आरसी-15/2019 में एनआईए
ने 26 अगस्त 2019 को कासिम और नजमुद्दीन के खिलाफ अपनी चार्जशीट दाखिल की थी। कासिम
को हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 48 में एक पेट्रोल पंप के पास से गिरफ्तार किया
गया और उसके कब्जे से 2,000 रुपये के 6,000 नकली भारतीय मुद्रा नोट बरामद किए गए, जिनकी
कुल कीमत 1,20,00,000 रुपये थी।
बाद की जांच से पता चला कि कासिम ने सह-अभियुक्त नजमुद्दीन
के साथ मिलकर इसे छापने की साजिश रची थी।
नूंह (मेवात) में प्रिंटर और लैपटॉप का उपयोग कर नकली नोट।
जांच के दौरान प्रिंटर और लैपटॉप भी जब्त कर लिया गया।
एनआईए की जांच से पता चला कि दोनों ने देश के विभिन्न हिस्सों
में नकली मुद्रा प्रसारित करने की योजना बनाई थी।
दोनों आरोपियों की सजा ने देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट करके
उसे अस्थिर करने का प्रयास करने वाले नकली मुद्रा रैकेट को ध्वस्त करने के एनआईए के
प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया।
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