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विहिप केंद्रीय बैठक शुरू: मंदिर नियंत्रण, धर्मांतरण और कट्टरता पर 300 संतों का गहन मंथन

By विनय मिश्रा नई दिल्ली:  इंद्रप्रस्थ 9 दिसंबर 2025 को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की द्विदिवसीय बैठक मंगलवार को राजधानी दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित इंद्रप्रस्थ नगरी में प्रारंभ हुई। ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज की अध्यक्षता में आयोजित उद्घाटन सत्र में देशभर से लगभग 300 संतों ने भाग लिया।

विहिप केंद्रीय बैठक शुरू: मंदिर नियंत्रण, धर्मांतरण और कट्टरता पर 300 संतों का गहन मंथन

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने हिंदू समाज के समक्ष बढ़ती चुनौतियों का उल्लेख करते हुए संत समाज से निम्न प्रमुख बिंदुओं पर मार्गदर्शन प्रदान करने का आग्रह किया—

हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का अभियान

देशभर में बढ़ते धर्मांतरण पर प्रभावी रोक

‘धर्म स्वातंत्र्य कानून’ का पूरे देश में समान रूप से लागू होना

जिहादी मानसिकता और बढ़ती कट्टरता पर नियंत्रण

सीमांत क्षेत्रों की सामाजिक समस्याओं व नशामुक्ति अभियान की चुनौतियाँ

आगामी जनगणना में सभी हिंदुओं से अपने धर्म के रूप में ‘हिंदू’ लिखने का आह्वान

विहिप केंद्रीय बैठक शुरू: मंदिर नियंत्रण, धर्मांतरण और कट्टरता पर 300 संतों का गहन मंथन

बैठक में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती जी ने हाल के आतंकी घटनाक्रम तथा आरोपियों के समर्थन को “अत्यंत चिंताजनक” बताते हुए कहा कि कुछ समूह जिहादी मानसिकता को उचित ठहराने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने संसद से कठोर, प्रभावी और राष्ट्रहित में आवश्यक विधेयक लाने की मांग की। साथ ही उन्होंने मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त कराने और जनसंख्या नियंत्रण कानून की अनिवार्यता पर भी जोर दिया।

बंगाल से आए संतों ने राज्य में बढ़ते कट्टरपंथ और हिंदू समुदाय के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों को “संपूर्ण देश के लिए चेतावनी” बताया। उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर दिए जा रहे जिहादी बयानों और धमकियों पर चिंता जताई।

विहिप केंद्रीय बैठक शुरू: मंदिर नियंत्रण, धर्मांतरण और कट्टरता पर 300 संतों का गहन मंथन

आध्यात्मिक गुरु सुधांशु जी महाराज ने राममंदिर निर्माण को 500 वर्षों की तपस्या और संघर्ष का परिणाम बताते हुए कहा कि भारत की वास्तविक शक्ति इसकी सांस्कृतिक परंपराएं और संत समाज में निहित है। उन्होंने गुरुकुल, पुजारी परंपरा, आश्रमों और संस्कार केंद्रों को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में जगद्गुरु स्वामी राम कमलाचार्य जी, अटल पीठाधीश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद जी महाराज, स्वामी विवेकानंद जी महाराज, गीता मनीषी ज्ञानानंद जी महाराज, विहिप उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंघल, संरक्षक दिनेश चंद्र, सह संगठन मंत्री विनायक राव, केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी सहित देशभर से आए अनेक संत और विहिप पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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