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संविधान दिवस: सफदरजंग अस्पताल ने देश के महान नेताओं के नाम पर किए मुख्य द्वार समर्पित

By विनय मिश्रा नई दिल्ली: वीएमएमसी एवं सफदरजंग अस्पताल में 27 नवंबर को संविधान दिवस बड़े सम्मान और गर्व के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अस्पताल ने अपने मुख्य प्रवेश द्वारों का नाम देश के उन महान राष्ट्रीय नेताओं के सम्मान में रखा, जिनके योगदान ने भारत के लोकतांत्रिक स्वरूप को मजबूत किया है।

संविधान दिवस: सफदरजंग अस्पताल ने देश के महान नेताओं के नाम पर किए मुख्य द्वार समर्पित

जिन राष्ट्रीय नेताओं के नाम पर अस्पताल के द्वार समर्पित किए गए, उनमें डॉ. भीमराव आंबेडकर, अरविंदो घोष, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. बिधान चंद्र रॉय, शहीद भगत सिंह, डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, मेजर ध्यानचंद, स्वामी विवेकानंद और सरोजिनी नायडू शामिल हैं।

हर नाम भारत के संवैधानिक सफर के एक विशिष्ट मूल्यों—सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता, एकता, नेतृत्व एवं राष्ट्र निर्माण—का प्रतीक है।

कार्यक्रम के दौरान अस्पताल निदेशक डॉ. संदीप बंसल ने कहा कि यह पहल संविधान की प्रेरक भावना और उन अद्वितीय नेताओं को श्रद्धांजलि है, जिनकी दृष्टि आज भी नई पीढ़ियों को प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि अब अस्पताल में प्रवेश करने वाला हर व्यक्ति न्याय, समानता और राष्ट्र सेवा के मूल्यों की याद के साथ आगे बढ़ेगा।

मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. चारु बाम्बा ने बताया कि इस कार्यक्रम ने स्वास्थ्य सेवाओं में संवैधानिक कर्तव्यों को दोहराने और मजबूत करने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि इस पहल ने पूरे अस्पताल समुदाय में एक नया गर्व और मरीज-केंद्रित सेवा के प्रति समर्पण को और दृढ़ किया है।

अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर. पी. अरोड़ा ने कहा कि प्रवेश द्वारों का यह पुनर्नामकरण उन राष्ट्रीय नायकों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है जिन्होंने अपना जीवन देश को समर्पित किया। यह कदम एकता, अखंडता और जन-कल्याण के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता का संदेश देता है।

कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन, तथा विभिन्न विभागों में जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनका उद्देश्य भारत की संवैधानिक धरोहर को सम्मान देना था।

कार्यक्रम का समापन न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व—इन चार मूल संवैधानिक सिद्धांतों के प्रति सामूहिक संकल्प के साथ हुआ।


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