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WORK Charitable Trust ने 38वें फाउंडेशन डे का आयोजन दिल्ली में मनाया: इस अवसर पर थीम "वसुधैव कुटुम्बकम्" रही

By विनय मिश्रा नई दिल्लीWORK Charitable Trust ने 38वें फाउंडेशन डे का आयोजन दिल्ली के आई.टी.ओ. स्थित प्यारे लाल भवन, ऑडिटोरियम में किया। इस अवसर पर थीम "वसुधैव कुटुम्बकम्" रही। कार्यक्रम की शुरुआत गायत्री मंत्र, बाइबिल वर्सेज़, क़ुरआन की तिलावत और गुरबानी पाठ से हुई, जो आपसी भाईचारे और साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक था।

WORK Charitable Trust ने 38वें फाउंडेशन डे का आयोजन दिल्ली में मनाया: इस अवसर पर थीम "वसुधैव कुटुम्बकम्" रही

पिछले 37 वर्षों की समाजसेवी यात्रा का जश्न मनाते हुए वर्क ने कई विशिष्ट हस्तियों और सामाजिक संस्थाओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. राम पुनियानी (हैदराबाद), त्रिवेणी बालकृष्ण आचार्य (मुंबई), डॉ. बिलाल हसन चिश्ती (पीलीभीत), महामहिम आचार्य सौरभ सरकार (कोलकाता), प्रो. मोहम्मद मुजम्मिल (एएमयू), अयाज़ फ़ारूक़ी (मुंबई),  आई आई टी प्रो. आंदोलनकारी वी.के. त्रिपाठी, बी जे पी मंडल अध्यक्ष मनीष कक्कर, नेहा राजपूत, के.के. दुबे  जैसे गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

वर्क अध्यक्ष अल्लामा सैयद अब्दुल्ला तारिक़ ने भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में विचार साझा किए और पैनल चर्चाओं का संचालन किया।

WORK Charitable Trust ने 38वें फाउंडेशन डे का आयोजन दिल्ली में मनाया: इस अवसर पर थीम "वसुधैव कुटुम्बकम्" रही

डॉ. राम पुनियानी ने कहा: "खुद को महात्मा कहने से कोई महात्मा नहीं बन जाता, बल्कि जब समाज आपको स्वीकार करता है तभी आप महात्मा कहलाते हैं। हमें सोचना होगा कि हमें विश्वगुरु बनना है या विश्व बंधु।"

आचार्य त्रिवेणी ने कहा: "यदि हमें विश्वगुरु बनना है तो नैतिक नेतृत्व को स्थापित करना होगा और महिलाओं के साथ होने वाले शोषण को रोकना होगा।"

डॉ. बिलाल हसन चिश्ती ने कहा: "शिक्षा, विशेषकर लड़कियों की शिक्षा, और चरित्र निर्माण पर ध्यान देंगे तो भारत अवश्य विश्वगुरु बनेगा।"

महाचार्य सौरभ सरकार ने अखंड भारत की अवधारणा पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का संचालन अभिषेक मजीथिया (बैंगलोर) ने किया। आज वर्क के कार्यकर्ता भारत के 200 से अधिक ज़िलों और लगभग 13 देशों में सक्रिय हैं और प्रतिदिन करुणा-आधारित गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे हैं।

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