Published by : BST News Desk
भरतपुर/राजस्थान : दिनांक 29 नवंबर 2025, खेलो इंडिया गेम्स अपनी समावेशिता के लिए जाने जाते हैं। इसी प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण पेश करते हुए सिद्धी समुदाय की शालिना सायर ने यहाँ लोहागढ़ स्टेडियम में हुए 2025 खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (KIUG) के महिलाओं के 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती वर्ग में कांस्य पदक जीता।
कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़ की शालिना ने अपने अंतिम ग्रुप मुकाबले में हरियाणा के भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की भानू को 2-1 से हराकर पदक हासिल किया। जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि सिद्धियों का मूल अफ्रीका में है और वे कई शताब्दियों पहले समुद्री मार्ग से भारत आए थे। वे तब से यहाँ रह रहे हैं और अब पूरी तरह से भारतीय समाज में घुलमिल चुके हैं। कई राज्यों में सिद्धियों को अनुसूचित जनजाति या पिछड़ा वर्ग माना जाता है।
स्वाभाविक है कि शालिना की उपलब्धि साधारण नहीं है। लेकिन खेलो इंडिया के इस मंच के बिना यह संभव नहीं था, जिसने उनके जैसी प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर दिया। शालिना ने कहा, “मैंने खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हिस्सा लिया है। लेकिन यह मेरा पहला खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स था। मैं उम्मीद लेकर आई थी। मुझे पता था कि मैं पदक जीतूंगी, लेकिन कौन-सा रंग होगा, यह नहीं पता था। मैं बहुत खुश हूँ।”
यह सफलता आसान नहीं थी। खिलाड़ी अपने सपनों को पूरा करने के लिए बहुत त्याग करते हैं और कई कठिनाइयों का सामना करते हैं। शालिना बोलीं, “हम यहाँ ट्रेन से आए, जिसमें तीन दिन लग गए। सफर बहुत कठिन था। लेकिन अब जब मैंने जीत लिया है, तो सब सार्थक लग रहा है। मुझे लगता है मेहनत का फल मिल गया।" शालिना पिछले 10 वर्षों से कुश्ती कर रही हैं।
भारत अभी भी आदर्श समाज नहीं है। देश के कई हिस्सों में त्वचा के रंग के आधार पर भेदभाव आज भी मौजूद है। लेकिन इस पर पूछने पर शालिना ने कहा कि उन्हें ऐसा कोई अनुभव नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “मैं धारवाड़ में रहती हूँ और वहीं पली-बढ़ी हूँ। मैं पूरी ईमानदारी से कहूँ तो मुझे कभी ऐसा अनुभव नहीं हुआ,”
वह इस साल पंजाब में हुए एक अखिल भारतीय विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में भी कांस्य पदक जीत चुकी हैं। उन्होंने आगे कहा, “दरअसल, मुझे मेरे खेल की वजह से बहुत सम्मान मिलता है। लोग मुझे एक उपलब्धि हासिल करने वाली खिलाड़ी के रूप में देखते हैं। मेरी बहन भी बेंगलुरु में पुलिस में है।”
इंटरव्यू के दौरान शालिना ने प्रो कबड्डी लीग में बंगाल वॉरियर्स के खिलाड़ी सुशील मोतेश काम्ब्रेकर का भी ज़िक्र किया, जो इसी समुदाय से आते हैं। उन्होंने कहा, “सिद्धी समुदाय अच्छा कर रहा है। वह हमारे पूरे समुदाय के लिए बड़ी प्रेरणा हैं। मैंने उनसे कभी मुलाकात नहीं की, लेकिन मैं भी उनका जैसा नाम कमाना चाहती हूँ और सबको गर्व महसूस कराना चाहती हूँ,”

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