By विनय मिश्रा नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी अकाउन्टिंग संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) जिसका गठन भारत में चार्टर्ड अकाउन्टेन्सी प्रोफेशन के विनियमन एवं विकास के लिए चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स अधिनियम 1949 के तहत एक संसदीय अधिनियम द्वारा किया गया था, ने हाल ही में पाकिस्तान एवं पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों के खिलाफ़ भारत द्वारा की गई कार्रवाई के लिए सरकार एवं भारतीय सेना को अपना समर्थन प्रदान किया है।
देश भर में 177 शाखाओं, 5 क्षेत्रीय परिषदों में फैले 1.4 मिलियन से अधिक सदस्यों और छात्रों के नेटवर्क तथा 47 देशों में 52 विदेशी शाखाओं एवं 33 प्रतिनिधि कार्यालयों में 40,000 से अधिक सदस्यों के साथ आईसीएआई ने मानवतावादी प्रयासों के माध्यम से गहरा प्रभाव उत्पन्न किया है। बढ़ते तनाव के बीच, संस्थान देश की एकजुटता के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है तथा देश एवं इसके लोगों को समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार है।
आईसीएआई की देश भर में तकरीबन 17000 पिनकोड्स में मौजूदगी है, इसकी 13 से अधिक शाखाएं भारत-पाक सीमा के नज़दीक स्थित है। इन सीमा क्षेत्रों में मौजूद चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स ज़रूरत पड़ने पर स्वेच्छा से स्थानीय समुदायों एवं अधिकारियों की सहायता के लिए अपना समय, विशेषज्ञता एवं संसाधन उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हैं। आईसीएआई के मजबूत स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से सदस्य एवं छात्र स्वयंसेवी सरकारी एजेन्सियों, एनजीओ और राहत संगठनों के साथ मिलकर ज़रूरतमंद लोगों को सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार हैं।
आईसीएआई के स्वयंसेवी राहत प्रयासों में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं जैसे निकासी, विस्थापित नागरिकों के लिए आश्रय शिविर स्थापित करना, एम्बुलेन्स सेवाओं की व्यवस्था, ऑक्सीजन सिलिंडर एवं ज़रूरी दवाएं वितरित करना। वे रक्तदान शिविर एवं अन्य ज़रूरी सहयोग सेवाएं भी आयोजित कर सकते हैं। इसके अलावा आईसीएआई समुदाय से आग्रह किया जाता है कि वे सतर्क रहें, किसी भी संदिग्ध या राष्ट्र विरोधी गतिविधि की सूचना दें और इस मुश्किल समय में राष्ट्रीय सुरक्षा को समर्थन देने के लिए तैयार रहें।
सीए चरणजोत सिंह नंदा, प्रेज़ीडेन्ट, आईसीएआई ने भारतीय सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण प्रयासों की सराहना की और देश भर में सम्पूर्ण सीए समुदाय से सशस्त्र बलों के साथ खड़े रहने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आईसीएआई के 14 लाख अधिक फाइनैंशियल सैनिक न सिर्फ शब्दों में बल्कि व्यवहारिक रूप से सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार हैं।
सीए समुदाय के सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आईसीएआई हमारे सैनिकों की बहादुरी और दृढ़ संकल्प को सलाम करता है। पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत का बदला लेने मे उन्होंने जिस वीरता का प्रदर्शन किया है, हमें उस पर गर्व है। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ नव भारत की ओर से शक्तिशाली संदेश है, जो इस बात पर ज़ोर देता है कि देश की संप्रभुता की रक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। आईसीएआई हमेशा से ‘राष्ट्र’ को प्राथमिकता देता रहा है। हमारे देश को हिला देने वाले हर तूफ़ान में हम अपनी मातृभुमि के समर्थन में मजबूती से खड़े हैं।’’
प्रेज़ीडेन्ट ने आईसीएआई के सभी सदस्यों और छात्रों से आग्रह किया कि इस अवसर पर आगे आएं, सतर्क रहें और देश की अखंडता एवं सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए सेवा के सर्वोच्च आदर्शों को बनाए रखें।
‘तो आइए तनाव की इस घड़ी में एकजुट होकर खड़ें हों। सीए समुदाय ने उदाहरण देकर साबित कर दिया है कि हम न सिर्फ फाइनैंशियल संरक्षक हैं बल्कि हमारे देश के लिए क्षमता, सहानुभूति एवं प्रत्यास्थता के स्तंभ भी हैं।’’
सीए प्रसन्ना कुमार डी, वाईस- प्रेज़ीडेन्ट, आईसीएआई ने कहा, ‘‘हम अपनी मातृभुमि के फाइनैंशियल सैनिक हैं, देश की हर ज़रूरत में हम देश की सेवा के लिए तैयार हैं।’’
आईसीएआई हमेशा से मुश्किल के समय में देश एवं देश के नागरिकों को सहयोग प्रदान करता रहा है। 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भी आईसीएआई के सदस्यों ने शहीदों के परिवार जनों को निःशुल्क सेवाएं प्रदान की थीं। कोविड-19 महामारी के दौरान आईसीएआई ने शोकग्रस्त परिवारों को सहयोग दिया, उन छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क में छूट दी जिन्होंने महामारी की वजह से अपने माता-पिता को खो दिया था, ताकि वे अपने सपने साकार कर सकें। संस्थान के सदस्य न सिर्फ हमारे सदस्यों के लिए बल्कि बड़े पैमाने पर आम जनता के लिए भी भोजन वितरण अभियान, रक्तदान एवं प्लाज़्मा दान शिविर, टीकाकरण शिविर आयोजित करते हैं।
हमारे क्षेत्रीय परिषदों, शाखाओं, विदेशी शाखाओं, स्टडी सर्कल्स एवं स्टडी चैप्टर्स, के माध्यम से आईसीएआई के स्पेशल कोविड कास्क फोर्स ने ज़रूरतमंदों के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर, कॉन्सन्ट्रेटर उपलब्ध कराए, उनके लिए दवाओं, अस्पताल में बैड, एम्बुलेन्स और भोजन की व्यवस्था की। कई शाखाओं ने अस्पतालों को ज़रूरी उपकरण दान में देकर स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं को सशक्त बनाने में योगदान दिया, जब उन्हें इनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी।
आईसीएआई का योगदान सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, वे सहानुभूति के साथ मातृभुमि की सेवा के लिए समर्पित हैं। राष्ट्र निर्माण के भरोसेमंद साझेदार के रूप में आईसीएआई सशस्त्र बलों, प्रधानमंत्री एवं भारत के नागरिकों को सहयोग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। संस्थान फाइनैंशियल प्रोफेशनल्स को अपने पेशे के दायरे से आगे बढ़कर सहानुभूति, देशभक्ति और देश के प्रति अपने कर्तव्य को निभाने की प्रेरणा देता है।
0 टिप्पणियाँ