By विनय मिश्रा नई दिल्ली: दिनांक 15 मार्च 2025, ज्योतिर्मठ प्रकरण व अन्य आपराधिक मामलों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में उनके विरुद्ध लगभग सभी आपराधिक मामले दर्ज हैं) में जेल जाने के भय से बचने के लिए अविमुक्तेश्वरानंद ने अब सरकार पर दबाव बनाने के लिए "गौ रक्षा" नामक नया नाटक शुरू किया है।
ज्योतिर्मठ मामले में अदालत में उन्हें कई झूठ बोलते हुए पकड़ा गया। अंत में उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला दायर किया गया। इस मामले में वे यह कहकर बचने की कोशिश कर रहे हैं कि मुझे जेल भेजा गया क्योंकि मैंने गोसेवा अभियान शुरू किया था, लेकिन यह वास्तव में गोसेवा अभियान नहीं है, यह सिर्फ एक नाटक है।
कुछ करके सरकार पर दबाव डालने और जेल से भागने का नाटक,
सुप्रीम कोर्ट ने ज्योतिर्मठ मामले में स्थगन आदेश जारी कर अविमुक्तेश्वरानंद पर प्रतिबंध लगा दिया है।
वह टीवी पर बयानों और साक्षात्कारों के माध्यम से शंकराचार्य के नाम का दुरुपयोग करके, मीडिया और अभिनेताओं को रिश्वत देकर लोगों को धोखा दे रहे हैं।
(1) बदरी, द्वारका ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने अविमुक्तेश्वरानंद को अस्वीकार कर दिया, और सदानन्द सरस्वती को भी अस्वीकार कर दिया,
(2) पूज्य पुरी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती स्वामी ने भी अविमुक्तेश्वरानंद का मंगल अभिषेक किया।
(3) महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में अविमुक्तेश्वर का सम्पूर्ण संत समुदाय ने पूर्ण बहिष्कार किया था।
(4) सभी लोगों और भक्तों को इस सांसारिक बाबा, नकली बाबा से सावधान रहना चाहिए।
(5) स्वामी गोविंदानंद सरस्वती, बदरी, द्वारका ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य के दीक्षित शिष्य,
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