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दूसरा गोल्ड जीतकर गरजा राजस्थान का शेर सागर, अब 2026 एशियाई खेलों में दिखेगा असली दम!

Published by : BST News Desk

भरतपुर/राजस्थान : दिनांक 27 नवंबर 2025 को राजस्थान के डॉ. केएन मोदी विश्वविद्यालय के 21 वर्षीय पहलवान सागर ने बुधवार को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (KIUG) में अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीतकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। पिछले साल उन्होंने कोहिमा में अपना पहला केआईयूजी स्वर्ण जीता था। अब सागर का लक्ष्य अगले वर्ष एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करना है।

दूसरा गोल्ड जीतकर गरजा राजस्थान का शेर सागर, अब 2026 एशियाई खेलों में दिखेगा असली दम!

भरतपुर स्थित लोहागढ़ इंडोर स्टेडियम में सागर ने 97 किग्रा ग्रीको-रोमन वर्ग में एकतरफा मुकाबले में रितिक को हराया। कोहिमा में सागर ने 130 किग्रा ग्रीको-रोमन श्रेणी में स्वर्ण जीता था। तो क्या उन्होंने जानबूझकर वजन कम कर श्रेणी बदली? 

सागर ने साई मीडिया से कहा, “नहीं, ऐसा इरादा नहीं था। पिछले कुछ महीनों में मैंने बहुत मेहनत की और उसी वजह से वजन घट गया। नतीजतन, मैं अब अलग श्रेणी में खेल रहा हूँ।” 

कुछ महीने पहले एक अन्य प्रतियोगिता में रितिक ने सागर को हराया था, जिससे मुकाबले से पहले सागर की संभावनाओं पर थोड़ा संदेह बन सकता था। लेकिन मैट पर उतरने से ठीक पहले सागर ने खुद से ही दृढ़ निश्चय के साथ कहा, “आज तो गोल्ड पक्का है।”

रितिक की हालत भी कुछ ठीक नहीं दिख रही थी। गुरु काशी विश्वविद्यालय के छात्र रितिक की टांग में चोट की समस्या थी और मुकाबला शुरू होने के कुछ देर बाद ही वह अंक हासिल न कर पाने के कारण बाहर हो गए। साथ ही इस श्रेणी में केवल दो ही प्रतिभागी थे, जिससे सागर का सफर आसान दिख सकता है, लेकिन सागर ने किसी तरह की ‘किस्मत’ वाली बात को तुरंत खारिज कर दिया। 

सागर ने कहा, “श्रेणी में सिर्फ दो खिलाड़ी थे, लेकिन मैं जानता हूँ कि पूरा ग्रुप भी होता तो मैं ही जीतता। मैंने उसी तरह तैयारी की थी।” 

शुक्रवार को 22 वर्ष के होने जा रहे सागर का अगला लक्ष्य अगले साल जापान में होने वाले एशियाई खेल हैं। वह कहते हैं, “एशियाई खेलों के लिए अगले साल फरवरी-मार्च के आसपास ट्रायल होंगे और मुझे वहां जाकर जीतना है। मैं देश का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूँ।” 

पहलवान की जिंदगी आसान नहीं होती। खासकर चोटें उनका सबसे बड़ा दुश्मन होती हैं। सोनीपत के रापड़ अखाड़े में कोच कुलदीप के साथ अभ्यास करने वाले सागर ऐसे कठिन समय में अपने पिता जसवीर को याद करते हैं। 

सागर ने कहा, “मेरे पिता बहुत सहयोगी हैं, खासकर जब मैं चोट से उबर रहा होता हूँ। वे हमेशा मुझे हिम्मत देते रहते हैं।” 

सागर ने जीत के बाद भारत सरकार और खेलो इंडिया पहल की भी खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “ये मंच सीखने के लिए बहुत अच्छे हैं। और यह सीख आगे की प्रतियोगिताओं में काम आती है। सरकार का बहुत धन्यवाद कि वे हमारे लिए इतने उच्च स्तर के आयोजन कराते हैं।”

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