By विनय मिश्रा नई दिल्ली: दिनांक, 17 अक्टूबर 2025, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ और ‘गर्व से कहो यह स्वदेशी है’ संकल्प को साकार करने के उद्देश्य से खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजधानी दिल्ली के पीतमपुरा स्थित दिल्ली हाट में शुक्रवार को ‘खादी दिवाली महोत्सव’ का भव्य शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान को नई ऊर्जा देने के लिए ‘खादी इंडिया’ ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के साथ मिलकर देश का पहला स्वदेशी ‘खादी इंडिया-एसबीआई रूपे प्रीपेड गिफ्ट कार्ड’ लॉन्च किया। यह कार्ड पारंपरिक पेपर कूपन की जगह अब डिजिटल माध्यम से खादी उत्पादों की खरीद का नया और आधुनिक विकल्प प्रदान करेगा।
गिफ्ट कार्ड का अनावरण खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन मनोज कुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर उत्तर-पश्चिम दिल्ली से सांसद योगेंद्र चंदोलिया, त्रिनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक तिलक राम गुप्ता एवं पूर्व महापौर जयप्रकाश की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा को और भी बढ़ा दिया। कार्यक्रम में एसबीआई तथा केवीआईसी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। ‘खादी इंडिया–एसबीआई रूपे प्रीपेड गिफ्ट कार्ड’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘डिजिटल इंडिया’ अभियानों की भावना को सशक्त रूप प्रदान करेगा। अब खादी प्रेमी इस स्वदेशी कार्ड के माध्यम से देशभर में केवीआईसी द्वारा संचालित ‘खादी इंडिया’ स्टोर्स से आसानी से खरीदारी कर सकेंगे। गिफ्ट कार्ड से खरीदारी करने पर खादी प्रेमियों को विशेष छूट का लाभ भी मिलेगा।
20 अक्टूबर तक चलने वाले इस खादी दिवाली महोत्सव में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों सहित देशभर के खादी संस्थानों और ग्रामोद्योग इकाइयों के लगभग 50 स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों पर खादी वस्त्र, हर्बल उत्पाद, हस्तशिल्प, हैंडमेड पेपर, शहद, अगरबत्ती, मिट्टी के बर्तन, लेदर उत्पाद आदि प्रदर्शित किए गए हैं। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य त्योहारों के इस मौसम में स्वदेशी उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहित करना, ग्रामीण कारीगरों की आमदनी में वृद्धि करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ तथा ‘हर घर स्वदेशी’ अभियानों को गति देना है।
केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी अब केवल वस्त्र नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और पहचान बन चुकी है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी ‘खादी इंडिया एसबीआई रूपे प्रीपेड गिफ्ट कार्ड’ अपने तरह का देश का पहला गिफ्ट कार्ड है। इसके माध्यम से भारतवासी खादी इंडिया स्टोर से स्वदेशी उत्पाद खरीद सकेंगे। उन्होंने बताया कि यह कार्ड डिजिटल इंडिया अभियान की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है, जो डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देगा और उपभोक्ताओं को स्वदेशी उत्पादों की खरीद का नया, सुविधाजनक माध्यम उपलब्ध कराएगा।
गिफ्ट कार्ड की विशेषताएं बताते हुए अध्यक्ष केवीआईसी ने आगे कहा कि ‘खादी इंडिया-एसबीआई रूपे प्रीपेड गिफ्ट कार्ड’ एक आधुनिक डिजिटल भुगतान साधन है, जो डेबिट कार्ड की तरह कार्य करता है और इसमें 16 अंकों का यूनिक नंबर होता है। इस कार्ड में पूर्व-स्वीकृत राशि पहले से लोड रहती है, जिसका उपयोग केवल खादी उत्पादों की खरीद के लिए किया जा सकता है। यह राशि नकद निकासी योग्य नहीं है, जिससे इसका उपयोग नियंत्रित और उद्देश्यपूर्ण रहता है। कार्ड की वैधता तीन वर्ष तक रहती है और सुरक्षा के लिए इसमें PIN नंबर दिया गया है। साथ ही, कार्ड पर लाभार्थी का नाम मुद्रित होता है जिससे व्यक्तिगत पहचान सुनिश्चित होती है।
उन्होंने आगे कहा यह कार्ड देशभर के सभी RuPay-सक्षम Khadi India स्टोर्स तथा खादी इंडिया की ई-कॉमर्स वेबसाइट www.khadiindia.gov.in पर मान्य होगा। हर ट्रांजैक्शन पर उपभोक्ता को SMS अलर्ट प्राप्त होगा, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा बनी रहती है। ग्राहक अपने कार्ड का बैलेंस और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री एसबीआई एटीएम या ऑनलाइन पोर्टल से तुरंत देख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, उपभोक्ता एसबीआई कस्टमर पोर्टल https://oneview.prepaid.sbi पर साइन अप कर अपने कार्ड की जानकारी, बैलेंस और मिनी स्टेटमेंट देख सकते हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर कार्ड को ब्लॉक भी कर सकते हैं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कार्ड केवल व्यक्तिगत उपयोग हेतु है। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि कार्ड का स्वाइप या टैप हमेशा अपनी उपस्थिति में करवाएं, ट्रांजैक्शन स्लिप की जांच करें और PIN किसी से साझा न करें। कार्ड खो जाने की स्थिति में, उपभोक्ता तुरंत एसबीआई हेल्पलाइन नंबर 1800-11-22-11 या 1800-425-3800 पर संपर्क कर सकते हैं।
मनोज कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से बीते 11 वर्षों में खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र ने ऐतिहासिक प्रगति की है- खादी उत्पादन 27,000 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 1,16,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा है, जबकि बिक्री 33,000 करोड़ रुपये से बढ़कर करीब 1,70,000 करोड़ रुपये तक हुई है। इस अवधि में करीब 2 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के अंतर्गत 10 लाख से अधिक इकाइयों की स्थापना से लगभग 90 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा, “सेवा और स्वदेशी ही नवभारत की शक्ति है और विकसित भारत@2047 का आधार भी। आइए, हम सब प्रधानमंत्री जी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार करने हेतु स्वदेशी वस्त्रों और उत्पादों को अपनाने का संकल्प लें।“
आगंतुकों के अनुभव को और समृद्ध बनाने के लिए प्रदर्शनी में भारत की पारंपरिक कला एवं कारीगरी को दर्शाने वाले सजीव प्रदर्शन भी प्रस्तुत किए जाएंगे। यह केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि ऐसा मंच है जो ग्रामीण कलाकारों और कारीगरों को अपनी कला प्रदर्शित करने के साथ ही उनके आर्थिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करता है तथा भारत की स्वदेशी कारीगरी को संरक्षित बनाए रखने में योगदान देता है।
इस अवसर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, दिल्ली सरकार और केवीआईसी के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी, खादी संस्थानों के प्रतिनिधि, पीएमईजीपी इकाइयों और कारीगरों ने भाग लिया।



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