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राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ पर राजधानी दिल्ली में खादी और फैशन का संगम: केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने दोहराया प्रधानमंत्री का ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन’ मंत्र

By विनय मिश्रा नई दिल्लीराष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) के अवसर पर गुरुवार को पर्ल एकेडमी, दिल्ली-पश्चिम (Eros Building, District Centre, राजौरी गार्डन, नई दिल्ली) में खादी और भारतीय हस्तशिल्प को समर्पित विशेष कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और छात्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘Khadi for Nation, Khadi for Fashion’ मंत्र देते हुए खादी को स्थानीय से वैश्विक मंच तक ले जाने का आह्वान किया।

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ पर राजधानी दिल्ली में खादी और फैशन का संगम: केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने दोहराया प्रधानमंत्री का ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन’ मंत्र

उन्होंने कहा कि 11वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खादी के उत्थान का संकल्प लिया था। उनके उस संकल्प ने खादी को पूर्ण रूप से बदल दिया। उनके आह्वान पर 'विकसित भारत' के स्वप्न को पूरा करने के लिए अब हम सभी को सामूहिक प्रयास और अधिक जतन करने होंगे। हमें मिलकर भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है। हमें ‘मेक इन इंडिया’ के बल पर भारत को पूर्ण रूप से गरीबी मुक्त बनाना होगा। एक समर्थ भारत, आत्मनिर्भर भारत की सफलता की कहानी लिखेगा। अब हमारे संकल्प लेने की बारी है। स्वदेशी बनाएंगे-स्वदेशी बेचेंगे- स्वदेशी खरीदेंगे!

कार्यक्रम में केवीआईसी द्वारा 50 पारंपरिक और पेटी चरखों का लाइव डेमो आयोजित किया गया। फैशन डिजाइनिंग के छात्रों ने स्वयं चरखा चलाकर सूत कातने की बारीकियां सीखीं। साथ ही विद्युत चालित चाकों के माध्यम से कुम्हारी कला कार्यशाला (Pottery Workshop) भी आयोजित हुई, जिसमें छात्रों ने पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों का निर्माण करना सीखा। इस अवसर पर पर्ल एकेडमी की अध्यक्ष अदिति श्रीवास्तव, रीजनल कैंपस डायरेक्टर रुचि शर्मा, फैकल्टी प्रोफेसर बेला गुप्ता और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे। छात्रों द्वारा बनाए गए हैंडलूम और क्राफ्ट उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ ही मनोज कुमार ने पूरे कैंपस का भ्रमण कर छात्रों से बातचीत की।

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ पर राजधानी दिल्ली में खादी और फैशन का संगम: केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने दोहराया प्रधानमंत्री का ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन’ मंत्र

अपने संबोधन में मनोज कुमार ने कहा, "पूज्य बापू ने कहा था कि खादी वस्त्र नहीं, विचार है। स्वतंत्रता के दशकों बाद जब खादी धीरे-धीरे फीकी पड़ रही थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 'मन की बात' में कहा – Khadi for Nation, Khadi for Fashion. इस मंत्र ने ‘चरखा क्रांति’ को जन्म दिया। आज खादी सिर्फ गांधी टोपी या धोती तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक मंच के फैशन रनवे तक पहुंच चुकी है।" केवीआईसी की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि वित्तवर्ष 2024-25 में खादी और ग्रामोद्योग का कुल उत्पादन 1,16,599 करोड़ रुपये और बिक्री 1,70,551 करोड़ रुपये था, जिसके माध्यम से 1.94 करोड़ लोगों को रोजगार मिला। पिछले 11 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में उत्पादन 4 गुना, बिक्री 5 गुना और रोजगार 49 प्रतिशत तक बढ़ा है। यह अभूतपूर्व प्रगति प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुए आर्थिक और सामाजिक बदलाव की मिसाल है।

फैशन डिजाइनिंग के छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि फैशन सिर्फ ग्लैमर नहीं, जिम्मेदारी भी है। जब युवा डिजाइनर अपने डिजाइनों में खादी को शामिल करेंगे, तो वे सिर्फ ट्रेंड नहीं बनाएंगे, बल्कि देश के गांवों और कारीगरों की आजीविका को मजबूत करेंगे और भारत की पहचान को दुनिया भर में स्थापित करेंगे। 

पर्ल एकेडमी की अध्यक्ष अदिति श्रीवास्तव ने कहा, “केवीआईसी के साथ यह आयोजन हमारे छात्रों के लिए एक अमूल्य अनुभव है। चरखा पर सूत कातने और पॉटरी वर्कशॉप ने उन्हें भारत की गहरी हस्तशिल्प परंपरा से जोड़ा है और उन्हें सस्टेनेबल फैशन की दिशा में सोचने की प्रेरणा दी है।”

इस कार्यक्रम ने खादी और हैंडलूम को आधुनिक फैशन के साथ जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है और युवाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘खादी फॉर फैशन’ मंत्र को नई ऊर्जा दी है।

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