By चन्दन शर्मा नई दिल्ली: फरीदाबाद के किड्स पैराडाइज पब्लिक स्कूल में हाल ही में एक रंग पहचान गतिविधि के तहत पीले रंग को केंद्र में रखकर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी के छात्रों ने भाग लिया और सभी ने पीले रंग की पोशाक पहनकर इस रंग की विशेषताओं को समझने की कोशिश की। स्कूल की प्रधानाचार्या नीरू ने बताया कि इस गतिविधि का उद्देश्य छोटे बच्चों को रंगों की पहचान कराना और उनके प्रति रुचि जागृत करना था। उन्होंने कहा कि पीला रंग खुशी, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक होता है और बच्चों के मानसिक विकास में रंगों की पहचान अहम भूमिका निभाती है।
कार्यक्रम के दौरान कक्षा को सजाने से लेकर बच्चों के टिफिन तक में पीले रंग को प्राथमिकता दी गई। कुछ बच्चों ने पीले रंग के फलों जैसे केले और आम को अपने लंच में शामिल किया, जिससे उन्हें यह भी समझ में आया कि रंग केवल वस्त्रों तक ही सीमित नहीं होते, बल्कि हमारे खान-पान और दैनिक जीवन का भी हिस्सा होते हैं। शिक्षकों ने बच्चों को पीले रंग से जुड़ी वस्तुओं की पहचान कराई और इसके उपयोग की जानकारी दी। बच्चों ने चित्रों, खिलौनों और कार्ड्स के माध्यम से भी पीले रंग की चीजों को पहचाना और उनके बारे में सीखा।
शिक्षकों ने इस अवसर पर रंगों से जुड़ी कहानियों और कविताओं के माध्यम से बच्चों में रंगों की समझ बढ़ाने का प्रयास किया। बच्चों ने पीले रंग की टोपी, रिबन, बैग, और अन्य सजावटी वस्तुओं के साथ उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल में एक रंग-बिरंगी प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें बच्चों द्वारा बनाए गए चित्र और हस्तशिल्प प्रदर्शित किए गए। इन सभी गतिविधियों के माध्यम से बच्चों ने न केवल पीले रंग की पहचान की, बल्कि उनकी रचनात्मकता और आत्मविश्वास में भी वृद्धि देखने को मिली।
प्रधानाचार्या नीरू ने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ बच्चों के संवेगात्मक और संज्ञानात्मक विकास में मदद करती हैं। रंगों की पहचान और उनका सही प्रयोग बच्चों की स्मरण शक्ति, कल्पनाशक्ति और संप्रेषण क्षमता को मजबूत बनाता है। उन्होंने यह भी बताया कि विद्यालय भविष्य में अन्य रंगों के लिए भी इसी तरह के आयोजन करता रहेगा ताकि बच्चों को रंगों की विविधता और उनके महत्व की गहराई से जानकारी दी जा सके। इस प्रकार, यह आयोजन नन्हे छात्रों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि उनके लिए एक आनंददायक अनुभव भी साबित हुआ।
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