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नामित अदालत ने बैंक को हानि पहुँचाने से सम्बंधित मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं दो निजीव्यक्तियों सहित तीन आरोपियों को एक से दो वर्ष की कठोर कारावास के साथ कुल 95,000 रु. जुर्माने की सजा सुनाई

Published by : BST News Desk

सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, हैदराबाद ने बैंक को सदोषपूर्ण हानि पहुँचाने से सम्बंधित मामले में तीन आरोपियों को सजा सुनाई जिसमें  सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बोलारम शाखा (हैदराबाद) के तत्कालीन शाखा प्रबंधक श्री के. राजा राव को 2 वर्ष की कठोर कारावास के साथ  65,000/- रु. जुर्माना एवं निजी व्यक्तियों यथा श्री डी. संजीव रेड्डी व श्री के. रमना रेड्डी को 1 वर्ष की कठोर कारावास(आरआई)  के साथ प्रत्येक पर 15,000/- रु. जुर्माने की सजा सुनाई। कुल जुर्माना 95,000/- रु. लगाया गया।

नामित अदालत ने बैंक को हानि पहुँचाने से सम्बंधित मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक एवं दो निजीव्यक्तियों सहित तीन आरोपियों को एक से दो वर्ष की कठोर कारावास के साथ कुल 95,000 रु. जुर्माने की सजा सुनाई

सीबीआई ने श्री के. राजा राव, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बोलारम शाखा (हैदराबाद), श्री डी. संजीव रेड्डी एवं  ए. रमना रेड्डी (निजी व्यक्ति) सहित आरोपियों  के विरुद्ध तत्काल मामला दिनांक 30.07.2004 को दर्ज किया था। यह आरोप था कि वर्ष 2002 के दौरान आरोपी तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को धोखा देने के लिए एक निजी फर्म के आरोपी मालिक (अब मृत) के साथ षड़यंत्र रचा था। उक्त आपराधिक षड़यंत्र  के अनुसरण में, आरोपियों ने बिना उचित पहचान, पात्रता की झूठी रिपोर्टों का उपयोग करके एवं  उधारकर्ताओं के जाली हस्ताक्षर करके 70 उधारकर्ताओं के नाम पर 1.29 करोड़ रु.(लगभग) के आवास ऋण को मंजूरी दी/प्राप्त किया। इस प्रकार, उन्होंने सदोषपूर्व आर्थिक लाभ प्राप्त किया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को  उस राशि की सदोषपूर्व हानि पहुंचाई।

जांच पूरी होने के पश्चात, आरोपियों के विरुद्ध दिनांक 31.03.2006 को आरोप पत्र दायर किया।

न्यायालय ने विचारण के पश्चात,  आरोपियों को दोषी ठहराया एवं  तदनुसार दोनों को सजा सुनाई।



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