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ओलंपियन सिफ्त का बड़ा दावा: भारत में 2030 में शूटिंग लौटेगी राष्ट्रमंडल खेलों में! 🏆🔥

Published by : BST News Desk

जयपुर/राजस्थान : दिनांक 1 दिसंबर 2025,  ओलंपियन सिफ्त कौर समरा को विश्वास है कि जब भारत 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी करेगा, तब शूटिंग को इन खेलों में शामिल किया जाएगा। शूटिंग को 2022 बर्मिंघम और 2026 ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में पदक स्पर्धा से बाहर कर दिया गया था। मेजबान के रूप में भारतीय निशानेबाज़ों को अपने घरेलू दर्शकों के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने और बड़ी संख्या में पदक जीतने का बेहतरीन अवसर मिलेगा।

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सिफ्त ने रविवार को एसएआई मीडिया से कहा, “मैं बहुत खुश हूं कि भारत राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी कर रहा है और मुझे यकीन है कि शूटिंग को इसमें शामिल किया जाएगा। यह हमारे राष्ट्रीय निशानेबाज़ों के लिए चमकने और देश के लिए पदक लाने का शानदार मौका होगा। मुझे उम्मीद है कि इस आयोजन से खेल संरचना में भी सुधार होगा, जिससे उभरते खिलाड़ियों के लिए सीखना और प्रशिक्षण आसान होगा।”

24 वर्षीय निशानेबाज़ ने आगे कहा, “राष्ट्रमंडल खेल हमारे खेल संस्कृति पर बड़ा प्रभाव डालेंगे। जब लोग स्टेडियम में हमारे खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा करते देखेंगे, तो वे खेलों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे और इससे देश में एक स्पोर्ट्स माइंडसेट विकसित होगा।”

सिफ्त ने रविवार को जगतपुरा शूटिंग रेंज में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के लिए 50 मीटर राइफल 3 पोज़ीशन में व्यक्तिगत रजत और टीम कांस्य पदक अपने नाम किए।

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इस सीज़न की शुरुआत में, उन्होंने शिम्केंट (कज़ाखस्तान) में इसी साल अगस्त में आयोजित एशियाई चैम्पियनशिप में 50 मीटर राइफल 3 पोज़ीशन में अपना चौथा लगातार स्वर्ण पदक जीतकर एशियाई स्तर पर अपना वर्चस्व बनाए रखा। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में शानदार प्रदर्शन के बाद अब उनका ध्यान 4 से 9 दिसंबर तक दोहा (कतर) में होने वाले आईएसएसएफ वर्ल्ड कप फाइनल पर है।

उन्होंने कहा, “इस साल मैंने तीन वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया, जिनमें से दो में व्यक्तिगत पदक जीते और एक में बहुत करीब रह गई। मैंने एशियाई चैम्पियनशिप में भी व्यक्तिगत स्वर्ण जीता है। फिलहाल मेरा पूरा ध्यान दोहा में होने वाले वर्ल्ड कप फाइनल पर है।”

उन्होंने आगे कहा, “ इसके बाद मेरा लक्ष्य अगले साल एशियाई खेलों में पदक जीतना है, और साथ ही मेरा सपना ओलंपिक पदक का है। मैं छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर चलती हूं और उन्हें एक-एक करके पूरा करती जा रही हूं।”

2020 से विभिन्न खेलो इंडिया गेम्स की नियमित प्रतिभागी रही सिफ्त ने कहा कि यह उन खिलाड़ियों के लिए एक उत्कृष्ट मंच है जो जीवन में थोड़ा देर से खेल अपनाते हैं।

उन्होंने कहा, “मैं 2020 में पहले यूनिवर्सिटी गेम्स से लगातार खेलो इंडिया का हिस्सा रही हूं । खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उन खिलाड़ियों के लिए शानदार प्लेटफॉर्म है जो कॉलेज के दौरान खेल को गंभीरता से अपनाते हैं। यह उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने और दूसरों के मुकाबले खुद को परखने का मौका देता है। यूनिवर्सिटी गेम्स ज्यादा समावेशी हैं और उन बड़े खिलाड़ियों को भी अवसर देते हैं जो यूथ गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाए।”

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