Published by : BST News Desk
जयपुर/राजस्थान : दिनांक 29 नवंबर 2025, ओलंपियन श्रीहरि नटराज मानते हैं कि राजस्थान में आयोजित किए जा रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 में नौ स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद वे टाइमिंग के लिहाज़ से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आसपास भी नहीं थे। उन्होंने हालांकि यह भी स्वीकार किया कि उनका ध्यान इस बार व्यक्तिगत प्रदर्शन पर नहीं, बल्कि जैन यूनिवर्सिटी के लिए अधिक से अधिक पदक जीतने पर था।
भारत के सबसे सफल तैराकों में से एक 24 वर्षीय नटराज, पिछले महीने अहमदाबाद में हुए एशियन एक्वाटिक्स चैम्पियनशिप में सात पदक जीतने के बाद ऑफ-सीजन में हैं। इसके बावजूद उन्होंने पूल में खुद को ज़्यादा नहीं झोंका और फिर भी प्रतियोगिता में काफी आगे रहे, अपनी यूनिवर्सिटी के लिए लगातार पदक जीतते रहे।
श्रीहरि के नौ स्वर्ण और दो रजत पदकों के साथ-साथ उनके साथियों के मजबूत प्रदर्शन ने जैन यूनिवर्सिटी को केवल स्विमिंग पूल से कुल 45 पदक दिलाने में मदद की, जिनमें 27 स्वर्ण शामिल थे।
लेकिन कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले नटराज अब जापान में होने वाले अगले साल एशियन गेम्स और अगले वर्ष ग्लासगो में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स की ओर देख रहे हैं और इन दोनों प्रतियोगिताओं में पदक जीतने को लेकर आत्मविश्वास से भरे हैं।
उन्होंने साई मीडिया से कहा, “एशियन गेम्स में मेरी उम्र 25 होगी, और यही वह उम्र है जब तैराक आमतौर पर अपने पीक पर होते हैं। अब मुझे अपनी तैराकी और अपने शरीर के बारे में बहुत कुछ पता है और मुझे पूरा भरोसा है कि मैं वहां पदक जीत सकता हूँ।”
श्रीहरि उम्मीद कर रहे हैं कि एशियन एक्वाटिक्स चैम्पियनशिप में उनके सात पदक उन्हें टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) की तर्ज पर बनाये गए टारगेट एशियन गेम्स ग्रुप (TAGG) में जगह दिलायेंगे। इससे वह एशियन गेम्स की तैयारी व्यवस्थित तरीके से कर सकेंगे।
वह कहते हैं, “2018 के पहले खेलो इंडिया गेम्स के बाद मुझे टॉप्स में शामिल किया गया था और उस सहयोग ने मेरे करियर में बड़ा बदलाव लाया था।” नटराज 2020 टोक्यो और 2024 पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
हालांकि, पेरिस ओलंपिक से बिना पदक लौटने (100 मीटर बैकस्ट्रोक की हीट में बाहर होने) के बाद खेल मंत्रालय ने उन्हें टॉप्स कोर ग्रुप से हटा दिया था। पिछले साल TAGG खास तौर पर एशियन गेम्स पदक संभावनाओं को समर्थन देने के लिए बनाया गया और नटराज को लगता है कि अपने एशियन एक्वाटिक्स चैंपियनशिप में अपने प्रदर्शन के बाद वे इसमें शामिल होने का मौका पा सकते हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि एशियन चैम्पियनशिप में मेरे सात पदकों से मुझे टैग के तहत एशियन गेम्स की तैयारी के लिए समर्थन मिलेगा। मुझे लगता है कि मेरे और साजन (प्रकाश) के अलावा तैराकी में एशियन गेम्स में पदक के करीब शायद कोई नहीं है, और यह मेरा सबसे बड़ा मौका है पदक जीतने का।”
केआईयूजी की भूमिका पर बात करते हुए श्रीहरि ने कहा कि वरिष्ठ तैराकों के लिए केआईयूजी में प्रतिस्पर्धा करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें एक और उच्च-स्तरीय प्रतियोगिता प्रदान करता है। उन्होंने कहा, “भारत में सीनियर लेवल पर तैराकों को ज़्यादा प्रतियोगिताएं नहीं मिलतीं। एक सीनियर नेशनल होता है और एक यूनिवर्सिटी नेशनल। तो केआईयूजी उनके लिए एक और बड़ा टूर्नामेंट है जिसमें वे खुद को परख सकते हैं।”


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