Published by : BST News Desk
बीकानेर/राजस्थान : दिनांक 27 नवंबर 2025, राजश्री के लिए वेटलिफ्टिंग सिर्फ एक खेल नहीं—यह उनके परिवार की पहचान है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (KIUG) 2025 में अपनी पहली भागीदारी में महिलाओं के 58 किग्रा वर्ग में मात्र दो किलोग्राम के अंतर से स्वर्ण चूकने के कुछ ही पल बाद, उन्हें उनकी मां और कोच राखी हलदर ने गले लगा लिया। राखी छह बार की अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता हैं।
रोचक बात यह है कि जश्न या आराम के लिए उनके पास समय बिल्कुल नहीं है। बीकानेर में मुकाबले के सिर्फ दो दिन बाद ही, 28 नवंबर को कोलकाता में चल रही अस्मिता वेटलिफ्टिंग लीग में मां-बेटी एक बार फिर मंच पर उतरेंगी। एक ही लीग में मां और बेटी का उतरना बेहद दुर्लभ है!
अदामास यूनिवर्सिटी में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा राजश्री ने छह वर्ष पहले वेटलिफ्टिंग शुरू की थी। बड़े प्रतियोगिताओं में वह अक्सर पदक से चूक जाती थीं। बुधवार को भी वह ओडिशा की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रीमा भोई (लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी) से केवल दो किलोग्राम से पीछे रह गईं। उन्होंने कहा कि यह रजत पदक अब आगे बेहतर करने की प्रेरणा देगा।
रीमा और राजश्री की प्रतिद्वंद्विता नई नहीं है। इससे पहले भी ब्रह्मपुर, ओडिशा में हुए खेले इंडिया अस्मिता वीमेन नेशनल ज़ोनल लीग 2024-25 में इसी क्रम में 1-2 स्थान पर ये दोनों रही थीं।
राजश्री ने कहा, “यह मेरा पहला केआईयूजी था और रजत मिलना अच्छा लग रहा है। वजह यह है कि मैं ज्यादातर चौथे-पांचवें स्थान पर रही हूं, इसलिए यह रजत मेरे लिए खास है। इससे पहले मेरा आखिरी पदक ऑल इंडिया इंटर-यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप का कांस्य था।”
तमिलनाडु में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी राजश्री हिस्सा ले चुकी हैं, जहां वह अपने वर्ग में चौथे स्थान पर रही थीं। पावरलिफ्टर सी. नवीन कुमार की बेटी और दो बहनों में सबसे बड़ी राजश्री कोलकाता में घर पर ही अपनी मां राखी (2019 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप—महिला 64 किग्रा वर्ग—स्वर्ण विजेता) से प्रशिक्षण लेती हैं।
एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की अनुभवी खिलाड़ी की बेटी होना अपने आप में चुनौतियां लेकर आता है। राजश्री मानती हैं कि लोगों की उम्मीदें अक्सर उन पर दबाव बनाती हैं।
उन्होंने कहा, “जब लोग मेरी पहचान जान जाते हैं, तो वे मां की उपलब्धियों को देखते हुए मुझसे प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं। मैं उन उम्मीदों पर खरी उतरना चाहती हूं।”
केआईयूजी में अभियान खत्म होते ही अब राजश्री को आराम का मौका नहीं है। शुक्रवार को वह अस्मिता लीग में महिलाओं के 58 किग्रा वर्ग में उतरेंगी, जहां वह बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करेंगी और मां रॉखी साइडलाइन से उन्हें प्रोत्साहित करेंगी।
दिन में बाद में 19 वर्षीय राजश्री अपनी भूमिका बदलेंगी—प्रतियोगी से समर्थक की। उनकी मां राखी उसी प्रतियोगिता में महिलाओं के 69 किग्रा वर्ग में उतरेंगी और अपने शानदार करियर में एक और पदक जोड़ने की कोशिश करेंगी।


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