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ICAI ने UNGCNI के सहयोग से “जैव विविधता और व्यवसाय में सामंजस्य” विषय पर एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया

By विनय मिश्रा नई दिल्ली 28 मई 2025, अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने अपने सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड (SRSB) के माध्यम से “जैव विविधता और व्यवसाय में सामंजस्य: चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भूमिका और अवसर” विषय पर एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया (UNGCNI) के सहयोग से किया।
ICAI ने UNGCNI के सहयोग से “जैव विविधता और व्यवसाय में सामंजस्य” विषय पर एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया

इस कार्यक्रम का उद्घाटन ICAI के अध्यक्ष सीए. चरनजोत सिंह नंदा, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अध्यक्ष सी. अचलेन्दर रेड्डी, आईएफएस (सेवानिवृत्त), भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (वाणिज्यिक) के कार्यालय से उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक सीए. आनंद मोहन बजाज, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह, UNGCNI के कार्यकारी निदेशक रत्नेश झा, SRSB की अध्यक्ष सीए. प्रीति पारस सावला और SRSB के उपाध्यक्ष सीए. (डॉ.) संजीव कुमार सिंघल की उपस्थिति में हुआ।

इस कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें सस्टेनेबिलिटी प्रोफेशनल्स, उद्योग जगत के प्रमुख नेता, नीति निर्माता और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स शामिल थे। यह कार्यक्रम व्यवसायिक पारिस्थितिकी तंत्र में जैव विविधता को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में वित्तीय पेशेवरों की भूमिका को समझने हेतु एक सक्रिय मंच बना।

इस अवसर पर ICAI के अध्यक्ष सीए. चरनजोत सिंह नंदा ने पेशेवर और व्यावसायिक दृष्टिकोण में सस्टेनेबिलिटी को एकीकृत करने की ICAI की निरंतर कोशिशों पर प्रकाश डाला। उन्होंने वित्तीय उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय जवाबदेही के बीच की खाई को पाटने में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भूमिका को रेखांकित किया और मानकों, रूपरेखाओं और पेशेवरों के लिए क्षमता निर्माण जैसे ICAI के सस्टेनेबिलिटी-केन्द्रित प्रयासों की जानकारी दी।

ICAI ने UNGCNI के सहयोग से “जैव विविधता और व्यवसाय में सामंजस्य” विषय पर एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया

राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अध्यक्ष सी.अचलेन्दर रेड्डी ने इस क्षेत्र में पहल करने के लिए ICAI की सराहना की। उन्होंने जैव विविधता लक्ष्यों के साथ कॉर्पोरेट क्रियाकलापों को संरेखित करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि सतत विकास की अवधारणा में जैव विविधता को एक मुख्य सिद्धांत के रूप में अपनाना चाहिए। उन्होंने व्यावसायिक गतिविधियों में संरक्षण को समाहित करने वाले व्यावहारिक ढांचे विकसित करने का आह्वान किया।

SEBI के पूर्णकालिक सदस्य अमरजीत सिंह ने भारत में सस्टेनेबिलिटी एजेंडा को आगे बढ़ाने में ICAI की अग्रणी भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी प्रकटीकरणों में जैव विविधता को शामिल करना समयोचित और आवश्यक है और आशा व्यक्त की कि लेखा और लेखा परीक्षा समुदाय इस क्षेत्र में नवाचार और सहयोग को जारी रखेगा।

सीए. आनंद मोहन बजाज, उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (वाणिज्यिक), भारत सरकार, ने सस्टेनेबिलिटी और मानक विकास में ICAI की पहल की सराहना की। उन्होंने उभरती रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को पूरा करने और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पेशेवरों को वित्तीय और पर्यावरणीय जवाबदेही दोनों में सक्षम मार्गदर्शक बनने के लिए अपने कौशल और समझ को विकसित करना चाहिए।

पूरा दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में कई विचारोत्तेजक पैनल चर्चा आयोजित की गईं, जैसे कि “व्यवसाय और जैव विविधता पर क्षेत्रीय दृष्टिकोण”, “कॉर्पोरेट जैव विविधता रणनीतियाँ – प्रतिबद्धता से क्रियान्वयन तक” और “जैव विविधता एवं मिशन LiFE – रिपोर्टिंग और आश्वासन में पेशेवरों की भूमिका”।

इन चर्चाओं का उद्देश्य पेशेवरों को जैव विविधता मैट्रिक्स, सस्टेनेबिलिटी प्रकटीकरणों और प्रधानमंत्री के “मिशन LiFE (पर्यावरण के लिए जीवनशैली)” के तहत टिकाऊ जीवनशैली को अपनाने हेतु सशक्त बनाना था।

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