Published by : BST News Desk
रविवार, 26 जनवरी, 2025, 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माननीय अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने केवीआईसी के केंद्रीय कार्यालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया एवं ध्वजारोहण के पश्चात राष्ट्रगान गाया गया। अपने संबोधन में श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रत्येक गणतंत्र दिवस विशेष होता है, लेकिन इस बार का 76वां गणतंत्र दिवस हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाते हुए राष्ट्र की प्रगति और विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है।
अपने संबोधन के दौरान, उन्होंने केवीआईसी के कर्मचारियों को प्रेरित करते हुए इस अमृतकाल में राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण, रचनात्मकता और सेवा के उच्चतम मानकों को बनाए रखना आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि केवीआईसी ने पिछले 75 वर्षों में आत्मनिर्भरता, रोजगार सृजन और सतत विकास के प्रतीक के रूप में राष्ट्र को अमूल्य योगदान दिया है। यह संगठन भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण और समग्र विकास का आधार बना है। श्री मनोज कुमार ने आगे कहा कि इस गणतंत्र दिवस का आत्मनिर्भर भारत का संदेश अत्यंत मजबूत और प्रेरणादायक है।
उन्होंने दोहराया, “खादी के कारीगरों, बुनकरों और सूत कातने वालों को सशक्त बनाकर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर, पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देकर और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित कर केवीआईसी भारत को आत्मनिर्भर बनाने और विकसित भारत की ओर बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खादी के महत्व को दोहराते हुए श्री मनोज कुमार ने कहा, "खादी आत्मनिर्भर भारत की आत्मा है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की नींव है।"
माननीय अध्यक्ष ने सभी खादी और ग्रामोद्योग आयोग के कर्मचारियों और हितधारकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि पारंपरिक उद्योगों को चुनौतियों को अवसरों में बदलना और आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्ध भविष्य का निर्माण करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है। इस अमृतकाल में महिलाओं के सशक्तीकरण पर विशेष रूप से बोलते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा, जागरूकता, साक्षरता, समाज में समान दर्जा, वित्तीय स्वतंत्रता द्वारा बेहतर आजीविका के माध्यम से महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि खादी और ग्रामोद्योगी क्षेत्र में लगभग 80% महिलाएँ कार्यरत हैं।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और एमएसएमई मंत्रालय के मार्गदर्शन में 'नए भारत की नई खादी' ने नए प्रतिमान स्थापित किए हैं और 'वोकल फॉर लोकल' तथा 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 'खादी क्रांति' के तहत खादी को न केवल भारत की समृद्ध विरासत के प्रतीक के रूप में वैश्विक मान्यता मिली है, बल्कि इसने वैश्विक पहचान भी हासिल की है। देश में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री में उल्लेखनीय पांच गुना वृद्धि देखी गई है, जो 2013-14 में ₹ 31,154.20 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹ 1.56 लाख करोड़ हो गई है। यह अभूतपूर्व वृद्धि रोजगार सृजन में भी परिलक्षित हुई है और इस क्षेत्र में 10.17 लाख से अधिक नए रोजगार सृजित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि केवीआईसी के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत लगभग 9.5 लाख नई इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनसे लगभग 83 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है और खादी विकास योजना के तहत कार्यशेड योजना की राशि 60,000 रुपये से बढ़ाकर 1,20,000 रुपये कर दी गई है और 50.00 करोड़ रुपये के निवेश से 550 से अधिक खादी दुकानों का नवीनीकरण किया गया है। ग्रामोद्योग में जीवीवाई के अंतर्गत कारीगरों को 250000 से अधिक आधुनिक टूलकिट्स और मधुमक्खी बक्से वितरित किए गए हैं।
अपने समापन भाषण में केवीआईसी के अध्यक्ष ने स्वदेशी और भारत में निर्मित उत्पादों को खरीदने पर जोर दिया। इस अवसर पर आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री वात्सल्य सक्सेना, वित्तीय सलाहकार श्री पंकज बोडके और मुख्य सतर्कता अधिकारी सुश्री संघमित्रा एवं अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी हमारे गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
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