प्रधानमंत्री
श्री नरेंद्र मोदी
ने आज सभा को संबोधित
करते हुए, प्रधान
मंत्री ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का
गर्मजोशी से स्वागत
किया और कहा कि उनकी
भागीदारी आपदा प्रतिरोधी
बुनियादी ढांचे के
महत्वपूर्ण मुद्दे पर
वैश्विक चर्चा और
निर्णयों को मजबूत
करेगी। 2019 में अपनी
स्थापना के बाद से आपदा
प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के
लिए गठबंधन की
प्रभावशाली वृद्धि को
दर्शाते हुए, प्रधान
मंत्री ने रेखांकित
किया कि यह अब 39 देशों
और 7 संगठनों का
एक वैश्विक गठबंधन
है। उन्होंने कहा यह भविष्य के
लिए एक अच्छा
संकेत है।
प्राकृतिक आपदाओं की
बढ़ती आवृत्ति और
गंभीरता को ध्यान
में रखते हुए,
जहां होने वाली
क्षति का मूल्यांकन
आमतौर पर डॉलर में किया
जाता है, प्रधान
मंत्री ने इस बात पर
प्रकाश डाला कि लोगों, परिवारों
और समुदायों पर
इसका वास्तविक प्रभाव
संख्याओं से परे
है। श्री मोदी
ने मनुष्यों पर
प्राकृतिक आपदाओं के
प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित
किया और उल्लेख
किया कि भूकंप
के कारण घर नष्ट हो
जाते हैं, जिससे
हजारों लोग बेघर
हो जाते हैं
और प्राकृतिक आपदाओं
के कारण पानी
और सीवेज प्रणालियाँ
बाधित हो जाती हैं, जिससे
लोगों का स्वास्थ्य
खतरे में पड़ जाता है।
उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं का
भी जिक्र किया
जो ऊर्जा संयंत्रों
को प्रभावित कर
सकती हैं जिससे
संभावित खतरनाक स्थितियां
पैदा हो सकती हैं।
प्रधान मंत्री ने
जोर देकर कहा,
"हमें बेहतर कल
के लिए आज लचीले बुनियादी
ढांचे में निवेश
करना चाहिए।" उन्होंने
इस बात पर जोर दिया
कि आपदा के बाद के
पुनर्निर्माण का हिस्सा
होने के साथ-साथ नए
बुनियादी ढांचे के
निर्माण में लचीलेपन
को भी शामिल
किया जाना चाहिए।
प्रधान मंत्री ने
बताया कि आपदा आने के
बाद राहत और पुनर्वास कार्य शुरू
होने के बाद बुनियादी ढांचे में
लचीलेपन की ओर ध्यान केंद्रित
किया जाना चाहिए।
यह रेखांकित करते हुए
कि प्रकृति और
आपदाओं की कोई सीमा नहीं
है, प्रधान मंत्री
ने कहा कि आपदाएँ और
व्यवधान अत्यधिक परस्पर
जुड़े हुए विश्व
में व्यापक प्रभाव
पैदा करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा, "दुनिया सामूहिक
रूप से तभी लचीली हो
सकती है, जब प्रत्येक देश व्यक्तिगत
रूप से लचीली
हो।" उन्होंने साझा जोखिमों
के कारण साझा
लचीलेपन के महत्व
पर जोर दिया
और कहा कि सीडीआरआई और यह सम्मेलन दुनिया को
इस सामूहिक मिशन
के लिए एक साथ आने
में मदद करेगा।
प्रधान मंत्री ने
टिप्पणी की, "साझा
लचीलापन हासिल करने
के लिए, हमें
सबसे कमजोर लोगों
का समर्थन करना
चाहिए।" आपदाओं के
उच्च जोखिम वाले
छोटे द्वीप विकासशील
राज्यों का जिक्र
करते हुए, प्रधान
मंत्री मोदी ने ऐसे 13 स्थानों
पर परियोजनाओं के
वित्तपोषण के लिए
सीडीआरआई कार्यक्रम का उल्लेख
किया। उन्होंने डोमिनिका
में लचीले आवास,
पापुआ न्यू गिनी
में लचीले परिवहन
नेटवर्क और डोमिनिकन
गणराज्य और फिजी में उन्नत
प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों का
उदाहरण दिया। उन्होंने
इस बात पर संतोष जताया
कि सीडीआरआई का
फोकस ग्लोबल साउथ
पर भी है।
प्रधान मंत्री ने
भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान
चर्चा के केंद्र
में वित्तपोषण के
साथ एक नए आपदा जोखिम
न्यूनीकरण कार्य समूह
के गठन को याद किया
और कहा कि इस तरह
के कदम सीडीआरआई
के विकास के
साथ-साथ दुनिया
को एक लचीले
भविष्य की ओर ले जाएंगे।
उन्होंने अगले दो
दिनों में आईसीडीआरआई
में सार्थक विचार-विमर्श के
बारे में विश्वास
व्यक्त करते हुए
अपना संबोधन समाप्त
किया।
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