Published by : BST News Desk
2025 के लिए बहु-आयामी कार्ययोजना के साथ पर्यटकों की पहली पसंद बनने के लिए तैयार है मध्यप्रदेश
भोपाल - अपने प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक गंतव्यों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों के कारण, मध्य प्रदेश देश का एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बन चुका है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के मार्गदर्शन एवं पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी के दिशा निर्देशन में मध्य प्रदेश में पर्यटन ने नए आयाम स्थापित किये। इन नवाचारों ने न केवल पर्यटन को प्रोत्साहित किया है, बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन पहलों में धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, साहसिक पर्यटन, फिल्म पर्यटन जैसे क्षेत्रों को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय समुदायों को आय के नवीन स्त्रोत और रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
फिल्म शूटिंग के लिये मध्यप्रदेश बना सबसे पसंदीदा राज्य
फिल्म पर्य़टन के लिहाज से वर्ष 2024 म.प्र. के लिये खास रहा। बॉक्स ऑफिस पर बेहद सफल रही फिल्म स्त्री-2, भूलभुलैया-3, लापता लेडीज, माय हीरो और ओटीटी की सफल वेबसीरीज गुल्लक 3, पंचायत 3 मध्यप्रदेश की विभिन्न लोकेशन्स पर शूट हुई है। प्रमुख सचिव पर्य़टन एवं संस्कृति विभाग और प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि, फिल्म शूटिंग के लिये म.प्र. देश का सबसे पसंदीदा राज्य है। सरल शूटिंग प्रक्रिया एवं अत्यंत आकर्षक फिल्म टूरिज्म पालिसी में शासनस्तर पर सहयोग की वजह से फिल्म निर्माता-निर्देशक बार-बार म.प्र. का रूख कर रहे हैं और अब वर्ष 2025 में भी प्रदेश में कई राट्रीय और अन्तराष्ट्रीय फिल्म प्रदेश में शूट होंगी, जिससे प्रदेश के सुंदर पर्गंयटन गंतव्तयों व विविध फिल्म लोकेशन को और बढ़ावा मिलेगा।
देश को मिला पहला क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज
क्राफ्ट हैंडलूम के क्षेत्र में वर्ष 2024 में पर्यटन विभाग ने कई नवाचार किये, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। चंदेरी के पास प्राणपुर में देश का पहला क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज तैयार किया गया। यहाँ बुनकरों के लगभग 243 घरों में हथकरघा बुनाई का कार्य किया जाता है। प्राणपुर को इसी साल केंद्रीय सूचना मंत्रालय ने बेस्ट टूरिज्म विलेज भी घोषित किया। इसी के साथ सबरबानी और लाडपुरा खास को वर्ष 2024 रेस्पोंसीबिल टूरिज्म की कैटेगिरी में बेस्ट विलेज का ख़िताब भी मिल चुका है वहीँ वर्ष 2025 में भी केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के साथ म.प्र. पर्यटन विभाग महेश्वर में टेक्सटाइल टूरिज्म एवं सतना के उंचेहरा एवं उज्जैन के भेरूगढ़ में 'शिल्प हथकरघा पर्यटन गांव' स्थापित किये जाने हेतु पर्यटन विभाग प्रयासरत है
महाकाल लोक की तर्ज पर 20 नए लोक
मध्यप्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन का उदय हो चुका है। उज्जैन में महाकाल लोक निर्माण के बाद से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2024 में उज्जैन में 6.5 करोड़ से अधिक पर्यटकों की आमद हुई। प्रदेश में पर्यटकों के लिये सुविधाओं में विस्तार करते हुए 20 अन्य धार्मिक स्थलों पर आधारभूत संरचनाएं विकसित की जा रही है। इसमें ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक, सिहोर में सलकनपुर लोक, ओरछा में राजाराम लोक, सागर में रविवास लोक, नीमच में भादवा माता लोक, सतना में व्यंकटेश लोक, महेश्वर में देवी अहिल्या लोक, खरगोन में नवग्रह लोक, चित्रकूट में वनवासी राम लोक, इंदौर में अहिल्या नगरी लोक एवं परशुराम लोक, मंदसौर में पशुपति नाथ लोक, भोपाल में महाराणा प्रताप लोक, अमरकंटक में नर्मदा लोक, छतरपुर में छत्रसाल लोक, ग्वालियर में शानि लोक, बडवानी में नाग लोक, दतिया में पीताम्बर लोक तथा जबलपुर में दुर्गावती लोक निर्माणाधीन है।
अतिरिक्त आय का साधन बन रहे होमस्टे
मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने हेतु सदैव प्रयासरत है। इसी कड़ी में पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश व संस्कृति का अनुभव देने के उद्देश्य से होमस्टे की शुरुआत की गयी है। ग्रामीण पर्यटन परियोजना के अंतर्गत 2024 तक कुल 152 ग्रामीण होमस्टे का सफल संचालन किया जा रहा है, जिससे कुल रजिस्टर्ड होमस्टे की संख्या 312 हो चुकी है। वहीं 2025 में 350 होमस्टे का संचालन किया जायेगा। रेस्पोंसिबल सोवेनिर इनिशिएटिव के अनतर्गत 7 जिलों में सेंटर भी शुरू होंगे। मध्यप्रदेश क्लीन, ग्रीन और सेफ डेस्टिनेशन के बतौर स्थापित प्रदेश है। इसी क्रम में बांधवगढ़ के 5 गांव में क्लीन डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट इम्प्लेमेंट किया जायेगा। वही पर्यटकों की सुविधाओं में बढ़ावा देते हुए आगामी वर्ष में पर्यटन विभाग द्वारा अमरकंटक, भेड़ाघाट, साँची, जबलपुर, निमाड़ी, अनूपपुर में टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेण्टर (टीएफसी) की शुरुआत की जायेंगी। वर्ष 2024 में महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन परियोजना के तहत विभन्न कार्यशालायें आयोजित कर लगभग 25,000 लोगों को पर्यटन से जुड़े रोजगार और योजनाओं से अवगत कराया गया। 8100 महिलाओं को 8 सेक्टर में विभिन्न जॉब रोल में स्किल ट्रेनिंग और प्रदेश की 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन में 36,000 महिलाओं को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इनमें 50 फीसदी से अधिक महिलाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं।
लग्जरी स्टे के विकल्प में बढ़ोतरी
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक कदम आगे बढ़ते हुए पर्यटन विभाग ने पचमढ़ी में होटल अमलतास में एक नवाचार की शुरुआत की, जिसका शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया गया। अमलतास होटल इसलिये खास है क्योंकि, यह संपूर्मणतः महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। अमलतास की तरह ही चंदेरी के पास शुरू किया गया प्राणपुर कैफे भी पूर्णतः महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। नवनिर्मित सरसी आइलैंड रिसॉर्ट प्रदेश में पर्यटकों को लग्जरी स्टे देने के उद्देश्य से शुरू किया गया नवीनतम उपक्रम है। शहडोल जिले में बाणसागर डैम के बैकवाटर पर निर्मित यह रिसॉर्ट प्रमुख पर्यटन स्थल बांधवगढ़ नेशनल पार्क और मैहर जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के समीप स्तिथ है ।
इंटरनेट पर वायरल हुआ टीवीसी ‘मोह लिया रे’
2024 में पर्यटन विभाग द्वारा जारी किये गए टीवी कमर्शियल "मोह लिया रे" ने दर्शको का मन मोह लिया, जिसे सोशल मिडिया पर 15 लाख से अधिक व्यूज मिले। वर्ष 2025 में प्रदेश के पर्यटन स्थलों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता दिलाने के उद्देश्य से एक और टीवी कमर्शियल जारी किया जाएगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय सितार वादक अनुष्का शंकर नजर आयेंगी। वहीँ प्रदेश के संग्राहलय, पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक, पुरात्व और सांस्कृतिक गंतव्यों के ब्रोशर और क्रिएटिव पब्लिसिटी मटेरियल भी बनाए जायेंगे। मध्यप्रदेश तकनीकी नवाचारो में भी पीछे नहीं है, 360 डिग्री वीआर वीडियो, ऑडियो बुक्स, डिजिटल टूर्स जैसे नवीन माध्यम से हर आयु वर्ग के पर्यटको को प्रदेश के गंतव्यों से अवगत कराने का प्रयास है। 2025 में हर सीज़न में एक विशेष इन्फ्लुएंसर मीट की मेजबानी की जाएगी, जिसमें ट्रेवल ब्लॉगर्स और इन्फ्लुएंसर के माध्यम से ऑफबीट गंतव्यों को प्रचारित किया जाएगा।
यूनेस्को सूची में नए गंतव्य
मध्यप्रदेश की धरोहरों को संझोने की दिशा में यूनेस्को के विश्व हेरिटेज सेंटर द्वारा अस्थायी सूची (टेंटेटिव सूची) में प्रदेश की 6 धरोहरें ग्वालियर किला, धमनार का ऐतिहासिक समूह, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, चंबल घाटी के रॉक कला स्थल, खूनी भंडारा, बुरहानपुर और रामनगर, मंडला का गोंड स्मारक सम्मिलित होना एवं ओरछा को स्थायी सूची में शामिल करने के उद्देश्य से यूनेस्को विश्व धरोहर समिति को 2024 में प्रस्तुत करना एक बडी उपलब्धि रही। अब 2025 में यूनेस्को की इंटेंजिबल कल्चरल हेरिटेज (अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर) केटेगिरी में, भगोरिया आदिवासी नृत्य, गोंड चित्रकला, नर्मदा परिक्रमा को शामिल करने हेतु डोजियर संगीत नाटक अकादमी को भेजा जाएगा।
एडवेंचर टूरिज्म का नया हब बना म.प्र.
सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक पर्य़टन के साथ ही म.प्र. तेजी से एडवेंचर टूरिज्म हब के रूप में स्थापित हो रहा है। उज्जैन में स्काई डाइविंग फेस्टिवल हो या फिर विभिन्न सॉफ्ट एडवेंचर गतिविधियां, म.प्र. रोमांचप्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। प्रदेश के विभिन्न टाइगर रिजर्व के बफर जोर में मैराथन, साइकिलिंग, ट्रेकिंग, नेचर वॉक जैसी सॉफ्ट एडवेंचर गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जल एवं वायु कनेक्टिविटी पर रहेगा जोर
वर्ष 2024 की तरह वर्ष 2025 में भी टूरिज्म ने कई बड़ी उपलब्धियों को अपने नाम करने के लिए कई योजनायें बनाई है , जिसके अन्तर्गत स्टैच्यु ऑफ यूनिटी एवं स्टैच्यु ऑफ वननेस के बीच प्रस्तावित क्रूज परियोजनापुर्णतः की ओर अग्रसर है। पर्यटन विभाग द्वारा मेघनाथ घाट (कुक्षी) पर प्रस्तावित क्रूज टर्मिनल के लिये प्रक्रिया शुरू कर दी है। अलीराजपुर में यह टर्मिनल अलीराजपुर रोड से 35 किमी, निकटतम रेलवे स्टेशन से 74 किमी और वडोदरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 150 किमी स्थित होने के कारण उत्कृष्ट कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। दूसरी तरफ अंतरर्राज्यीय कनेक्टिविटी को बेहतर करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा का विस्तार सतना जिले तक किया जा रहा है। सतना को भोपाल, जबलपुर, खजुराहो से जोड़ा गया है।
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