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खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने बुधवार को भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला- 2024 में ‘खादी इंडिया पवेलियन’ का दौरा किया

By विनय मिश्रा नई दिल्लीखादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) 14 से 27 नवंबर, 2024 तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित ‘भारत मंडपम’ में आयोजित 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ)- 2024 में हिस्सा ले रहा है। आयोग ने ‘विकसित भारत@2047’ थीम पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक ब्रांड बन चुकी, ‘नये भारत की नयी खादी’ के उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला हॉल नंबर-6 में प्रदर्शित की है। बुधवार को केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने खादी इंडिया पवेलियन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने देशभर से आये युवा उद्यमियों और खादी कारीगरों से स्टॉल पर जाकर संवाद किया और उनके उत्पादों की जानकारी ली। 

खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने बुधवार को भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला- 2024 में ‘खादी इंडिया पवेलियन’ का दौरा किया

मीडिया को दिये बयान में अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा कि खादी इंडिया पवेलियन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन ‘विकसित भारत@2047’ के अनुरूप तैयार किया गया है। खादी संस्थानों, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत स्थापित इकाइयों और देश भर से स्फूर्ति क्लस्टर के तहत स्थापित इकाइयों के माध्यम से खादी कारीगरों की भागीदारी के लिए 225 स्टाल्स की स्थापना की गई है, जिसमें बेहतरीन दस्तकारी, खादी और ग्रामोद्योग उत्पाद का प्रदर्शन किया गया है। अध्यक्ष केवीआईसी ने पवेलियन में स्थापित देशी चरखा, पेटी चरखा, विद्युत चालित कुम्हारी चॉक, कच्ची घानी तेल निकालने की प्रक्रिया, मंदिर में पूजा के लिए उपयोग किए हुए पुष्पों को री-साईकल कर बनाई गई अगरबत्ती-धूपबत्ती बनाने के सजीव प्रदर्शन (Live Demonstration) का भी अवलोकन किया।    

केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खादी सबसे विश्वसनीय ब्रांड बन चुका है, जिसकी झलक खादी इंडिया पवेलियन में प्रदर्शित उत्पादों में स्पष्ट दिख रही है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में "स्वदेशी" और "आत्मनिर्भरता" की दिशा में खादी ने नये प्रतिमान स्थापित किये हैं। उन्होंने बताया कि खादी इंडिया पवेलियन में लगे 225 स्टालों पर भारतवर्ष के अलग-अलग क्षेत्रों के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों द्वारा भारत की समृद्ध विरासत, शिल्प कौशल और हस्त कला को प्रदर्शित किया जा रहा है। करीब 40% से अधिक स्टॉल ‘खादी’ निर्माण से जुड़ी संस्थाओं को आवंटित हैं, शेष स्टॉल में ग्रामोद्योग, पीएमईजीपी और स्फूर्ति की इकाइयों के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। श्री कुमार ने आगे बताया कि खादी इंडिया पवेलियन का उद्देश्य देश के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित करना और ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ‘वोकल फॉर लोकल’ और आत्मनिर्भर भारत की पहल को बढ़ावा देना है। इस मंडप में देश के कारीगरों को अपनी कला की प्रस्तुति के लिए केंद्रीय मंच उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘खादी क्रांति’ ने पिछले 10 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार को 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 10.17 लाख नये लोगों को रोजगार मिला है। केवीआईसी अध्यक्ष श्री कुमार ने सभी से अपील की कि स्वदेशी उत्पाद खरीदें ताकि ग्रामीण क्षेत्र में केवीआईसी से जुड़े लाखों कारीगरों को आजीविका के अवसर मिलें। 


IITF-2024, केवीआईसी थीम पवेलियन की मुख्य विशेषताएं बिन्दुवार:

43वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2024 (IITF-2024) का आयोजन 14 से 27 नवबंर 2024 तक दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘Viksit Bharat @2047’ (विकसित भारत @2047) थीम पर आयोजित किया जा रहा है। 

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए, केवीआईसी ने प्रगति मैदान, नई दिल्ली के हॉल नंबर 6 में ‘केवीआईसी थीम पवेलियन’ स्थापित किया है। 

केवीआईसी थीम पवेलियन पूरे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में सबसे भव्य और व्यापक है, जो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अनुरूप तथा विकसित भारत@2047 के संकल्प को पूरा करने को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। 

खादी थीम पवेलियन में देशी चरखा, पेटी चरखा, विद्युत चालित कुम्हारी चॉक, कच्ची घानी तेल निकालने की प्रक्रिया, हथकरघा, वर्टिकल हथकरघा, हाथ कागज निर्माण, मंदिर में पूजा के लिए उपयोग किए हुए पुष्पों को री-साइकल कर बनाई गई अगरबत्ती- धूपबत्ती बनाने के सजीव प्रदर्शन (Live Demonstration) एवं इन सभी को बनाने की कला का आप स्वयं भी प्रयोग करके अनुभव कर सकते हैं, जिसके सुंदर स्टॉल थीम पवेलियन में लगाए गए हैं। इसका उद्देश्य आगंतुकों को पारंपरिक प्रक्रिया का एक इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करना है।


‘नये भारत की नयी खादी’ की विकास यात्रा, खादी का कल और आज, के साथ ही अमृत काल में नये भारत की नयी खादी के नये वस्त्र कैसे हैं, का चित्रण किया गया है। 

खादी के लिए उत्कृष्टता केंद्र (CoEK) द्वारा तैयार नॉलेज पोर्टल (Knowledge Portal) युवाओं के बीच खादी के वस्त्रों को और अधिक लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से नए-नए वस्त्रों के डिजाइन के साथ-साथ उनकी विशेषताओं का भी प्रदर्शन किया गया है। 

खादी पवेलिन में कुल 225 स्टॉल स्थापित किये गये हैं। इन 225 स्टालों पर भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों और अलग-अलग क्षेत्रों के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों द्वारा भारत की समृद्ध विरासत, शिल्प कौशल और हस्त कला को प्रदर्शित किया जा रहा है। 

225 स्टालों में से लगभग 40% स्टॉल ‘खादी’ निर्माण से जुड़ी संस्थाओं को आवंटित हैं, शेष लगभग 60% स्टॉल ग्रामोद्योग, पीएमईजीपी और स्फूर्ति की इकाइयों हेतु आवंटित हैं।

ट्रेड फेयर में भाग लेने वाले स्टॉल में खादी के कपड़े तथा डिजाइनरों द्वारा तैयार वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, हस्तशिल्प, शहद, चमड़े के जूते, रत्न और आभूषण, बनारसी गुड़, लकड़ी के खिलौने, आयुर्वेद, बांस, पापड़, अचार, जड़ी-बूटियों से निर्मित हेयर ऑयल, विभिन्न प्रकार की नेचुरल चाय आदि की इकाइयां शामिल हैं। 

खादी ग्रामोद्योग भवन, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली का स्टॉल भी पवेलियन में आकर्षण का मुख्य केंद्र है, जो देश भर के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का व्यापक प्रदर्शन प्रदान कर रहा है। यहां पर आपको ‘मिनी इंडिया’ के प्रमुख उत्पादों की झलक दिख जाएगी।


भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में इस बार केवीआईसी थीम पवेलियन में प्रमुख रूप से खादी और ग्रामोद्योग की उत्तर प्रदेश की सबसे ज्यादा 48 इकाइयाँ, दिल्ली की 20, कर्नाटक की 17, पश्चिम बंगाल की 15, उत्तराखंड की 12, महाराष्ट्र की 9 समेत देश के करीब हर राज्य की खादी, ग्रामोद्योग, पीएमईजीपी, स्फूर्ति की संस्थाएं/ इकाइयाँ प्रतिभाग कर रही हैं। 

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में खादी और ग्रामोद्योग एवं PMEGP की इकाइयों द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प में वाराणसी से बनारसी सिल्क साड़ी, कश्मीर से पश्मीना शॉल, गुजरात से पटोला सिल्क, पूर्वोत्तर से एरी सिल्क और मूंगा सिल्क, पश्चिम बंगाल से टसर, तमिलनाडु से कांचीपुरम, कर्नाटक से मलबेरी, मध्यप्रदेश से चंदेरी साड़ी और बिहार से भागलपुरी सिल्क प्रमुख आकर्षण का केंद्र है।

इसके अलावा धातु की कारीगरी से निर्मित डेकोरेटिव आइटम, लेदर से बने उत्पाद, गृह महिलाओं द्वारा निर्मित आचार और पापड़, मिट्टी के बने उत्पाद, कॉस्मेटिक के सामान इत्यादि आकर्षण का केंद्र हैं।


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