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अपहरण,रेप,पाक्सो के आरोपी की जमानत याचिका ख़ारिज, अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने दिलाया पीड़िता को न्याय

By अशोक कुमार निर्भय नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में स्कुल में सहपाठी रहे लड़के ने ही अपने साथ स्कुल में पढ़ी लड़की अन्यया (बदला नाम) का अपहरण करके कई बार बलात्कार किया अपितु चाकुओं से गोदने के बाद पत्थर से कुचलकर जान के मारने की कोशिश की और अधमरी हालत पश्चिम विहार ईस्ट थाना क्षेत्र के एक सुनसान इलाके में लड़की को पटक कर छोड़ भगा। राहगीरों की मदद से लड़की ने अपनी हालत की सूचना अपने घरवालों को दी इसके बाद लड़की के पिता नत्थू लाल (बदला नाम) आनन - फानन में लड़की को दीनदयाल अस्पताल हरिनगर में भर्ती कराया। गंभीर हालत को देखते हुए दीनदयाल अस्पताल के डाक्टरों ने लड़की को एम्स के ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया जहाँ बच्ची का ईलाज हुआ। बीते मई में जब लड़की को होश आया तो इस घटना की शिकायत पुलिस में की गयी।पुलिस ने भी खास सहयोग नहीं किया और लड़के को बचाती रही क्योंकि लड़का सांसी जाति का था और उसके परिजन अवैध शराब का धंधा करते हैं जिनकी पुलिस में सांठगांठ है।  

अपहरण,रेप,पाक्सो के आरोपी की जमानत याचिका ख़ारिज, अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने दिलाया पीड़िता को न्याय

ज्ञात हो कि पहले भी वह लड़की के साथ बलात्कार कर चूका था इसके बाद समाज में बात फैली तो उसने आर्य समाज में शादी कर ली इसके बाद लड़की को अपराधी किस्म के गौतम नामक लड़के के परिजनों ने स्वीकार नहीं किया। लड़का भी अनन्या से छुटकारा चाहता था इसलिए अपहरण करके होटल में लेजाकर बलात्कार किया और उसके बाद जानलेवा हमला किया। 

इस घटना के इतने दिन बीत जाने की वजह से आरोपी ने इसका फायदा उठाया और कोर्ट में अग्रिम जमानत दायर कर दी। पुलिस से मिलकर उसने कोर्ट को गुमराह करके उसका फायदा उठाकर लगातार वह कानूनी प्रक्रिया से बचता रहा वही कोर्ट में उन दिनों हड़ताल चल रही थी जिसके कारण अग्रिम जमानत भी बरकार रही इसका भी फायदा आरोपी को मिलता रहा। जिसकी वजह से अमाया अपने प्रति हुए कृत्य और उसके दोषी गौतम के लिए कानून संवत सजा के लिए  लगातार प्रयास करती रही। इसी कड़ी में अमाया ने कोर्ट में दिल्ली उच्च न्यायालय अधिवक्ता आशुतोष पांडेय  को अपनी बात रखने के लिए नियुक्त किया।  इसके बाद अधिवक्ता आशुतोष पांडेय  ने तथ्यों को जुटाते सेशन कोर्ट की जज शेफाली बरनाला टंडन को सारे फैक्ट्स से अवगत कराया काफी समय से पुलिस से सेटिंग करके अग्रिम जमानत पर बरकरार रह रहे आरोपी गौतम की जमानत को माननीय सेशन कोर्ट ने अधिवक्ता आशुतोष पांडेय के द्वारा  समक्ष रखे तथ्यों को देखते हुए दिनांक 24/07/2024 को खारिज कर दिया। ताकि पीड़िता को इंसाफ की राह साफ हो सके अब पुलिस के सामने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जाना पुलिस प्रक्रिया और जाँच अधिकारी पर सवाल खड़ा करता है क्योंकि जमानत ख़ारिज हो चुकी है और संघये अपराध होने के नाते जाँच अधिकारी आरोपी को गिरफतार नहीं कर रहा है। ऐसे में अब पुलिस का रवैया जब कोर्ट के आदेश के खिलाफ है तब पीड़ित अमाया  को शायद अब इंसाफ मिल पाए।

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