झारखंड: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को प्रतिबंधित
संगठन को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने के उद्देश्य से झारखंड में आतंकी और जबरन वसूली
की साजिश में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के दो कैडरों के खिलाफ आरोप
पत्र दायर किया।
एनआईए विशेष अदालत, रांची के समक्ष दायर आरोप पत्र में निवेश
कुमार उर्फ निवेश पोद्दार और रमन कुमार सोनू उर्फ सोनू पंडित के रूप में पहचाने
गए आरोपियों पर विभिन्न अपराधों के लिए आरोप पत्र दाखिल किया गया है। जबकि निवेश पर
आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, वहीं रमन पर
RC 04/2023/एनआईए/आरएनसी मामले में आईपीसी, यूए (पी) अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के
तहत आरोप लगाए गए हैं।
प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के सदस्य, ये दोनों पीएलएफआई को
मजबूत/पुनर्जीवित करने की साजिश में शामिल थे, जो भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने
में लगा हुआ है।
एनआईए की जांच के अनुसार, वे झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और
ओडिशा में विभिन्न कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, रेलवे ठेकेदारों, व्यापारियों
आदि से जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटाने में लगे हुए थे। वे अन्य पीएलएफआई कैडरों
के साथ समाज में आतंक पैदा करने के लिए सुरक्षा बलों पर आतंकी हमले, हत्या, आगजनी और
विस्फोटकों/आईईडी से हमला करने की साजिश में भी शामिल थे।
यह साजिश पीएलएफआई केंद्रीय समिति के सदस्यों, मार्टिन केरकट्टा
और दुर्गा सिंह ने रची थी, जिन्होंने कृष्णा यादव उर्फ सुल्तान के साथ मिलकर पीएलएफआई
सशस्त्र दस्ते की कमान संभाली थी। एनआईए की जांच में साजिश में शामिल अन्य पीएलएफआई
सदस्यों की भी पहचान की गई है, जो लेवी के संग्रह के अलावा पीएलएफआई के लिए हथियारों
और गोला-बारूद की भर्ती और खरीद जैसी विभिन्न राष्ट्र-विरोधी/गैरकानूनी गतिविधियों
को अंजाम देने में आरोपपत्रित आरोपियों के साथ काम कर रहे थे।
मामले में आगे की जांच जारी है।
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